सूखी मालिश (Dry Massage : Massage Without Oil) at www.healthcruz.com |
How to massage without oil :
तेल से मालिश करने के अलावा एक अन्य तरीका है मालिश का
'सूखी मालिश'। तेल मालिश और सूखी मालिश
के लाभ एक जैसे हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि तेल मालिश करने से त्वचा चिकनी व मुलायम हो जाती है और तेल शरीर में पहुंचकर स्निग्धता लाता है। सूखी मालिश करने से ऐसा नहीं हो पाता। बाकी रक्त संचार में गति आना,
स्फूर्ति
आना, शरीर की थकावट दूर होना और शक्ति का संचार होना आदि काम वैसे ही होते हैं जैसे तेल मालिश करने पर होते हैं। जिनकी त्वचा तैलीय हो,
उन्हें सूखी मालिश (Dry Massage : Massage Without Oil) से विशेष लाभ होता है। सूखी मालिश करते समय सावधानी की जरूरत होती है
क्योंकि तेल न होने से हाथ त्वचा पर फिसलता नहीं,
अतः जोर से रगड़ने
से बाल टूटने और तकलीफ होने से आराम की जगह कष्ट होने का भय रहता है।
तेल मालिश की तरह इस तरीके से की जाने वाली
मालिश में नीचे से ऊपर की तरफ को हाथ चलाना चाहिए। किसी पर ठंड का प्रकोप हो जाने पर या चक्कर खाकर बेहोश हो जाने पर हथेलियों व तलवों पर हाथों से सूखा
रगड़ने से शरीर में गर्मी पहुंचती है और मूर्छित
व्यक्ति की मूर्छा दूर हो जाती है।
सूखी मालिश में मांसपेशियों को धीरे-धीरे दबाना,
छोड़ना, हल्का-सा दबाव देकर जल्दी-जल्दी हाथ चलाकर मर्दन
करना, हल्के से थपथपाना और मुक्के
मारना, तालबद्ध ढंग से हाथ चलाना,
हाथ की कटोरी बनाकर थपथपाना,
जोड़ों को गति देना,
हाथों से अंगों को कम्पन देना
आदि विधियां प्रयोग की जाती हैं। शरीर का कोई अंग सो जाने पर,
उस पर हाथ चलाने से उस अंग की सुन्नता जाती रहती है। व्यक्ति का शरीर दुर्बल और रोगी हो तो त्वचा पर कपड़ा रखकर मालिश करनी चाहिए।
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