मानव शरीर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें (Some important things related to human body) - Health : Ayurvedic Home Remedy in Hindi

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मानव शरीर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें (Some important things related to human body)

Important things about healthy body : Healthcruz
Important things about healthy body : Healthcruz.com

शरीर को रोगों से मुक्त रखने के लिए हमेशा अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें (Always take care of your health to keep the body free from diseases.) :

आपका शरीर रोगों का घर ही न बनें, मुख्य बात यह है। आप रोगी हो ही क्यों? ऐसी सावधानी क्यों न बरती जाए? क्या इस प्रकार की सावधानी के लिए कोई अधिक मूल्य चुकाना पड़ता है? बिल्कुल नहीं। इसके लिए आपको सावधानीपूर्वक स्वास्थ्य सम्बंधी निर्देशों का पालन करना होता है। इस क्रिया में यदि थोडा बहत शारीरिक या मानसिक त्राण भी होता है तो वह उस त्राण के समक्ष बिल्कुल गौण है जो आप रोग पालकर उठाएंगे।

इस क्रम में सबसे पहले तो स्वस्थ व अस्वस्थ की परिभाषा जानना आवश्यक है?  स्वस्थ का अर्थ है मनुष्य के शरीर के सभी अंगों का अपने-अपने कार्य का निर्वाह करने में समर्थ होना। शरीर न अधिक स्थूल हो न दुर्बल। मन एवं मस्तिष्क आपके पूर्ण अधिकार में हों। स्वस्थ रहने के लिए शरीर एवं मन दोनों का स्वस्थ होना अनिवार्य है। यदि शरीर हृष्ट-पुष्ट है किंतु मन दुर्बल एवं रोगी है तो ऐसी स्वस्थता किसी काम की नहीं। मन से ही शरीर को कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। अस्वस्थ मन द्वारा किए गए कार्य का परिणाम कभी भी अच्छा नहीं निकलता।

इसी प्रकार मन स्वस्थ और शरीर दुर्बल हो, तो भी अपने आपको स्वस्थ नहीं समझना चाहिए क्योंकि दुर्बल मन द्वारा प्रेरित कार्य को शरीर की अस्वस्थता ग्रहण ही नहीं करेगी, शरीर उस कार्य को करने से इन्कार कर देगा, नकार देगा या टाल देगा,  इसलिए शरीर और मन दोनों का स्वस्थ होना ही वास्तव में स्वस्थता है। यदि ऐसा नहीं है तो आप अपने आपको स्वस्थ नहीं कह सकते। यदि आपका शरीर और मन दोनों पूर्ण रूप से स्वस्थ व्यक्ति हैं तो रोग आपके करीब भी नहीं फटक पाएंगे। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही अधिकांश लोगों को स्वास्थ्य का महत्व ही नहीं पता। वे स्वास्थ्य के प्रति बिल्कुल लापरवाह बने रहते हैं। वे जैसे चल रहा है,  ठीक हैजैसी प्रवृत्ति के होते हैं और उन्हें पता ही नहीं होता कि वह धीरे-धीरे कैसे-कैसे रोगों को अपने भीतर पनाह दे रहे हैं। जब वह इसके प्रति चेतते हैं तब तक उनका कदम वृद्धावस्था में पड़ चुका होता है। वे आयु से युवा होते हुए भी शरीर से वृद्ध दिखाई देने लगते है।

जीवन में स्वास्थ्य के महत्व को समझने के लिए इसे तीन श्रेणियों में की देखा जा सकता है

  1. निजी जीवन (Personal Life)
  2. पारिवारिक जीवन (Socisl Life)
  3. सार्वजनिक जीवन  (Public Life)

निजी जीवन

निजी या व्यक्तिगत जीवन वह है, जब आप अपना कैरियर बनाने के लिए अपना कदम घर से बाहर निकालते हैं, उस समय आपमें नया जोश होता है, नई उमंगें होती हैं। प्रगति का वह रास्ता कठिन जरूर होता है किन्तु आपका जोश सारी कठिनाइयों को ठोकर मारकर दूर हटा देता है।

किन्तु ऐसा आप कब कर पाएंगे?

जब आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ व मन से सबल होंगे।

यदि ऐसा नहीं है तो आपका मन ही आपका मनोबल तोड़ देगा और ऐसे में आप परिस्थितियों को दोषी ठहराने लगेंगे।

इसीलिए ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपको शारीरिक एवं मानसिक सबलता चाहिए। इन दोनों का स्वस्थ होना ही आपकी कामयाबी की गारंटी है।

पारिवारिक जीवन

परिवार के प्रति भी आपके बहुत से उत्तरदायित्व हैं। परिजनों का पालन-पोषण आपका व्यवसाय और यौन संतुष्टि। ये सब दायित्व आप पूर्ण स्वस्थ अवस्था में ही निभा सकते हैं। इन कार्यों को सम्पन्न करके जो सन्तुष्टि, जो सुख प्राप्त होता है, उसकी अनुभूति आप तभी कर पाएंगे जब आप स्वस्थ होंगे। यदि आप अस्वस्थ हैं तो न आप स्वयं सुखी रह पाएंगे और न ही परिवार को सुखी रख पाएंगे, अतः सुखी पारिवारिक जीवन हेतु भी स्वस्थ रहना आवश्यक है।

सार्वजनिक जीवन

सार्वजनिक जीवन में आपकी सफलता तथा लोकप्रियता भी इस बात पर निर्भर करती है कि आपका स्वास्थ्य कैसा है। यदि आप स्वस्थ हैं तो आप सदैव प्रसन्नचित्त रहेंगे और लोगों के साथ भली प्रकार मिल-जुलकर उन्हें प्रभावित कर सकेंगे। किन्तु यदि आप अस्वस्थ हैं तो आप अपना शारीरिक आकर्षण तो खो ही बैठेंगे, साथ ही उदासी, निराशा व चिड़चिड़ापन आपके व्यक्तित्व पर हावी हो जाएंगे। ऐसी अवस्था में आपसे मिलने वालों पर आपका कोई अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा। अतः हर क्षेत्र में जीवन के उत्तम निर्वाह के लिए आवश्यक है कि आप स्वस्थ हों और स्वस्थ रहें।

ईश्वर प्रदत्त मशीन है आपका शरीर

हमारा शरीर वास्तव में एक मशीन है। जिसके हर अंग, हर समय अपने-अपने कार्य करने को तत्पर हैं, ये सभी पार्टी सुचारु रूप से कार्य करते हैं। वस्तुतः जिस प्रकार किसी भी मशीन को रखरखाव की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार इस मशीन को भी देखभाल और रखरखाव की आवश्यकता होती है।

यदि इसके रख-रखाव पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो इसके अंग कार्य करने में शिथिल हो जाएंगे, उनकी कार्यक्षमता पहले कम होगी, फिर समाप्त हो जाएगी। और जैसे-जैसे इनमें शिथिलता आएगी,  वैसे-वैसे हमारे शरीर पर रोगों का आक्रमण होगा। हम विभिन्न रोगों से ग्रस्त हो जाएंगे। अतः हमें इसकी देखभाल करनी चाहिए। रोगों से बचने और स्वस्थ रहने के लिए हमें संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स  का पालन करना चाहिए।

इसके लिए हमें नित्य प्रति थोड़ा-बहुत व्यायाम (Workout) अवश्य करना चाहिए। भोजन पर्याप्त मात्रा में लें और पौष्टिक लें। खाने के मामले में तो यह नियम बना लें कि जीने के लिए खाना है, खाने के लिए नहीं जीना है। सप्ताह में एक दिन उपवास रखें, इससे शरीर के पाचनतंत्र को आराम मिलता है। किसी भी बुरी आदत को पास न फटकने दें। नशीले पदार्थों से जहां तक सम्भव हो, बचें। ये सारे पदार्थ शरीर को अन्दर से खोखला करते हैं।

  • कोशिश करें कि हमेशा तनावमुक्त रहें।
  • सोने का एक समय निश्चित करें। समय से सोएं, समय से जागें।
  • आपके खाने के साथ-साथ पहनने का भी एक विशिष्ट ढंग होना चाहिए। हमेशा ऐसे वस्त्र पहनें जो देखने में सभ्य (शालीन) और आरामदायक हों।
  • आपके चलने-फिरने, उठने-बैठने की एक सही मुद्रा होनी चाहिए।

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