महिलाओं के लिए मालिश (Massage for women) at www.healthcruz.com |
महिलाओं के लिए मालिश (Massage) का विशेष महत्व है। इससे उनके
सौंदर्य में चार चांद लगते हैं। लेकिन उनके लिए कुछ सावधानियां भी अपेक्षित हैं। जैसे कि मालिश करने के बाद ठंडे पानी से स्नान करें। आवश्यकता पड़ने पर गुनगुने पानी से भी स्नान कर सकते हैं। यदि रात को खाने से पहले मालिश करनी हो तो स्पंज बांध लें ताकि कपड़े खराब न हों। मालिश स्वयं करने पर थकावट हो जाती है,
पर यदि कोई व्यवस्था न हो पाए तब खुद ही तेल लगाकर हल्के दबाव से मांसपेशियों पर मालिश करें। परंतु हड्डियों पर ज्यादा जोर न दें। मालिश के बाद जाड़ों में थोड़ी देर धूप में भी बैठें। शरीर ठंडा होने पर ही स्नान करें।
स्तनों पर मालिश बड़ी सावधानी से करें। चारों
तरफ से स्तन के अग्रभाग की तरफ हल्के-हल्के हाथ चलाएं।
स्त्रियों को मालिश किसी कुशल महिला या दाई से करवानी चाहिए। खुली जगह में मालिश करना मुश्किल है पर बंद कमरे में हवा और प्रकाश बराबर होना चाहिए।
प्रसव के बाद जच्चा का शरीर कमजोर,
ढीला व शिथिल हो जाता है। तब कम से कम डेढ़-दो महीने किसी कुशल दाई या स्त्री से
मालिश करवाएं। इससे शरीर पुनः सुगठित हो जाता है। पेट,
कमर और कूल्हों की मालिश भी करवाएं,
क्योंकि त्वचा गर्भ के फैलाव और दबाव के कारण ढीली हो गई होती है,
मालिश से यह पुनः चुस्त-दुरुस्त, सुडौल, सशक्त और कांतिपूर्ण हो जाती है। जिन स्त्रियों को अपनी यष्टि
(फिगर) सुडौल व सुगठित रखने की
इच्छा हो, उन्हें तो नियमित रूप से मालिश करवानी ही चाहिए। यह उनके लिए हल्का व्यायाम भी है और शरीर को पुष्ट,
ठोस और संतुलित रखने का अचूक उपाय भी।