एक्यूप्रेशर के साथ मालिश (Massage with acupressure) at www.healthcruz.com |
जिस प्रकार किसी चीज को चमकाना हो या आकर्षक
बनाना हो तो हम उसकी पॉलिश करते हैं। ठीक उसी प्रकार यदि बच्चे,
स्त्री या आदमी का शरीर कमजोर पड़ जाए या शिथिल हो जाए तब उसकी मालिश करने से त्वचा चमकीली,
चिकनी और आकर्षक हो जाती है,
उसमें चुस्ती और स्फूर्ति आ जाती है। आजकल धारणा यह बन चुकी है कि स्वास्थ्य रक्षा के लिए समय निकालना मुश्किल न सही पर कठिन अवश्य है। फिर भी शरीर और स्वास्थ्य की जो अवहेलना हम करते हैं उसकी पूर्ति के लिए मालिश आवश्यक है। कम-से-कम सप्ताह में एक बार तो मालिश अवश्य ही करें।
मालिश कई प्रकार की होती है
–
- तेल द्वारा मालिश
- सूखी मालिश
- ठंडी मालिश
- पाउडर से मालिश आदि।
तेल लगाने से शरीर पर
इच्छानुसार हाथ चलाने और मसलने में
सुविधा होती है। तेल शरीर में पहुंचकर त्वचा को
मुलायम, स्निग्ध और
कांतिवान बनाता है। त्वचा को भी आकर्षक बनाता है। तेल की
मालिश त्वचा, नेत्र और बालों के लिए
लाभदायक होती है। यह त्वचा में चिकनाहट
बढ़ाती है और मांसपेशियों को भी बल
प्रदान करती है। त्वचा की खुश्की दूर होकर चुस्ती-स्फूर्ति पैदा होती है। यदि तेल को शीशी में भरकर धूप में रख लें तो तेल में सूर्य की किरणों का प्रभाव भी आ जाता है। इससे तेल के गुण और भी बढ़ जाते हैं।
मालिश में त्वचा पर हथेली से मसलना,
थपथपाना, हल्के झटके देना,
मरोड़ना, झकझोरना, हल्के-हल्के खींचना,
हिलाना आदि शामिल हैं। मालिश के लिए जैतून का तेल (Olive Oil),
साली का तेल,
बादाम का तेल (Almond Oil) आदि भी उपयोग में लाए जा सकते हैं।
मालिश करते समय यह ध्यान रखें कि यदि पैरों
की मालिश करें तो हाथ नीचे नोकपर की ओर हृदय की तरफ चलाएं। कंधे व गले से नीचे की तरफ हाथ चलाएं
और कमर-कल्हे से ऊपर की तरफ यानी दिल को केन्द्र मानकर दिल की तरफ हाथ जलाएं। हाथ इस तरह चलाएं कि बाल टूटे भी नहीं और दुखें भी नहीं। हाथ अंग मशरू से लेकर जहां खत्म हो रहा हो वहां तक चलाएं। मांसपेशियों को मसलने के लिए अंगठे व उंगली के पोरों
का उपयोग करें। मालिश खाली पेट ही करें।