Yoga for women : Healthcruz.com |
महिलाएं अपने स्वास्थ्य के लिए सबसे ज़्यादा चिंतित रहती हैं। अधिकतर महिलाएं मानती हैं कि उन्हें कोई न कोई बीमारी लगी रहती है। बहुत ही कम महिलाएँ अपने आप को पूर्णतः स्वस्थ मानती हैं। आज महिलाओं का जीवन पहले की अपेक्षा काफ़ी बदल गया हैं। क्योंकि पहले की स्त्रियाँ सुबह से शाम तक घरों के काम में लगी रहती थीं। इस कारण अनजाने में ही योग की क्रियाएँ हो जाया करती थीं। जैसे सूर्योदय से पहले उठना, झाडू लगाना, साफ सफाई करना, पानी भरना, अनाजों को साफ करना, भोजन तैयार करना, चक्की चलाना, दही बिलोना, मक्खन निकाल कर घी बनाना। उन्हें ऐसे कई कामों में व्यस्त रहना होता था एवं इसी कारण दिनभर की थकान की वजह से रात्रि को नींद भी अच्छा आया करती थी, परन्तु आज का वातावरण, परिवेश व परिस्थियाँ बदल गई हैं। आज की महिलाएँ नौकरी एवं व्यवसाय को सँभालने लगी हैं। अतः घरों में उनके काम करने की ज़िम्मेदारी नौकर-चाकरों और विद्युत मशीनों ने ले ली है। साथ ही और भी कई कारण आज प्रकट हो गये हैं। इसीलिए आजकल महिलाओं को कई बीमारीयाँ बहुत जल्दी घेर लेती हैं जैसे मोटापा (Obesity) , कमरदर्द (Back pain), प्रदर, हिस्टीरिया, सिरदर्द (Headache), वायु दोष, ल्यूकेरिया, अनिद्रा (Insomnia), मधुमेह (Diabetes), हृदय रोग, कब्ज (Constipation), गठिया (Gout) एवं मानसिक तनाव (Depression) आदि।
योगाभ्यास (Yoga practice) ही एक ऐसा माध्यम है,
जो उनको सम्पूर्ण स्वास्थ्य के साथ सुन्दरता प्रदान कर सकता है। अतः नियमित रूप से प्रतिदिन
1 घंटा योगासन व प्राणायाम के लिए निकालना अतिआवश्यक हो गया है।
सरल अभ्यास से शुरू करें, जैसे यौगिक सूक्ष्म व्यायाम, यौगिक स्थूल व्यायाम पवनमुक्तासन समूह के अभ्यास, ऊर्जा प्रदायक आसन व क्रियाएँ, अर्ध पद्मासन (Half Padmasana), पद्मासन (Padmasana), वज्रासन (Vajrasana), शशांकासन (Shashankaasana), भुजंगासन (Bhujangasana), तिर्यक भुजंगासन (Tirayak Bhujangasana), चक्रासन (Chakrasana), शलभासन (Shalabhasan), मकरासन (Makarasana), गोमुखासन (Gomukhasana), उष्ट्रासन (Ustrasana), ताड़ासन (Tadasana), तिर्यक ताड़ासन (Tirayak Tadasana), पादहस्तासन (Padahastasana), त्रिकोणासन (Trigonasana), हस्तोत्तानासन (Hastottanasana), पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana), मंडूकासन (Mandukasana), मार्जारी आसन (Marjari Asana), सर्वांगासन (Sarvangasana), विपरीतकरणी (Antonykarani), शवासन योगनिद्रा (Shavasan Yoganidra) आदि। नाड़ी शोधन प्राणायाम (Pulse Treatment Pranayama), अनुलोम-विलोम (Anulom-Vilom), उज्जायी (Ujjayi), भस्त्रिका (Bhastrika), भ्रामरी (Bhramari), उदगीथ् एवं कपालभाति प्राणायाम (Udgith and Kapalabhati Pranayama) आदि योगाभ्यास करके महिलाएँ स्वस्थ सुंदर हो सकती हैं।
इस प्रकार महिलाएँ स्वयं स्वस्थ रहकर अपने परिवार वालों को भी स्वास्थ्य प्रदान करने में मदद कर सकती हैं।
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