माँसाहार के दुष्प्रभाव (Side effects of meat/Nonveg) - Health : Ayurvedic Home Remedy in Hindi

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माँसाहार के दुष्प्रभाव (Side effects of meat/Nonveg)

Side effects of Meat / Nonveg by Healthcruz
Side effects of Meat / Nonveg by Healthcruz.com

  • अधिकांश पशु गंदा पानी व विषैला भोजन करते हैं जिससे विभिन्न प्रकार के रासायनिक तत्व उनके शरीर में पहुँच जाते हैं तथा माँस को जहरीला या रोगयुक्त बना देते हैं। पशुओं को मारते समय भय के कारण पशुओं के शरीर में डर, क्रोध, कुण्ठा सम्बंधी हार्मोन (एड्रेनलिन नामक हार्मोन) उत्पन्न होते हैं जो उनके शरीर के माध्यम से माँसाहार खाने वाले व्यक्ति के शरीर में पहुँचकर दुर्गुणों का संचार करते हैं। 
  • माँसाहारी जीवों के दाँतों की संरचना माँस की चीर-फाड़ हेतु पैनी तथा नुकीली होती है। उनके नाखून भी बड़े एवं कठोर होते हैं। जबकि शाकाहारी जीवों के दाँत भोजन को पीसने एवं चबाने हेतु अनुकूल होते हैं। 
  • माँसाहार, मनुष्य की प्रकृति के विपरीत है। 
  • मानव शरीर की रचना शाकाहारी मशीन की तरह हुई है। मनुष्य शरीर की आँत शरीर के अनुपात से 6 गुना अधिक लंबी होती है, जबकि माँसाहारी जीवों की आँत उनकी शारीरिक लंबाई के अनुपात में होती है।
  • माँसाहारी जीवों की आँतों में अधिक अम्ल निकलता है जो कि माँसाहार पदार्थों को आसानी से पचा सकता है, परंतु मनुष्य की आँतों में अम्ल कम निकलता है अतः वह माँसाहारी भोजन को ढंग से पचा नहीं पाता।
  • माँसाहारी जीवों के जबड़े (भोजन चबाने पर) ऊपर-नीचे गति करते हैं, जबकि शाकाहारी जीवों के जबड़े काफ़ी स्वतंत्र गति करते हैं। इन सभी चीज़ों को दृष्टिगत कर यह कहा जा सकता है कि मनुष्य के लिए शाकाहार ही उपयुक्त व सर्वश्रेष्ठ भोजन है।
  • माँस-भक्षण से मानसिक तनाव व शारीरिक असंतुलन होता है, जबकि शाकाहारी भोजन मानसिक शांति व शारीरिक संतुलन में पूर्णतः सहायक सिद्ध होता है।
  • माँस खाने से एसकेटस, टीनोसोलियम तथा दूसरे परजीवी माँस के साथ मनुष्य के शरीर में पहुँच जाते हैं जो कई रोगों का कारण बनते हैं। कुछ  जानवरों का माँस खाने से मिर्गी एवं मैड काऊ बीमारी की आशंका रहती है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) के अनुसार लगभग 160 बीमारियाँ माँसाहार के सेवन से होती हैं। माँसहारियों को अपच, क़ब्ज़, अम्लता, हर्निया, पित्ताशय की परेशानी, बवासीर की बीमारी, शाकाहारी व्यक्तियों के मुक़ाबले दुगुनी होती है |
  • एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार स्तन-कैंसर, बड़ी आँत का कैंसर, प्रोस्टेट का कैंसर, शाकाहारियों में माँसाहारियों की तुलना में 50 प्रतिशत कम होता हैं क्योंकि शाकाहारी भोजन में ऐसे तत्व होते हैं जो कैंसर से शरीर को बचाते हैं । रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ाते हैं।
  • गंजापन, अल्सर, शुगर की बीमारी (मधुमेह), मिर्गी, उच्च रक्तचाप इत्यादि रोग भी शाकाहार भोजन करने वालों में कम होते हैं।

आहार पर एक टिप्पणी (A Comment on Diet) :

एक सर्वे के अनुसार हमें प्रतिदिन 5 रंगों के शाकाहार लेने चाहिए। फ़ाइबर यक्त आहार लेना चाहिए जो कि पाचन क्रिया में सहायक है और मेटाबॉलिज्म व गंभीर लंबी बीमारियों से बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फ़ाइबर सिर्फ़ शाकाहारी भोजन में ही पाया जाता है।

पानी नियमित रूप से 8-10 गिलास पीना चाहिए जो कि मोटापे के साथ कई प्रकार की बीमारियों से बचाने में सहायता करता है। अष्टांग योग का नियमित पालन करें और पेट में सुयोग्य शाकाहारी भोजन ही डालें, क्योंकि आपका शरीर आपका है, अतः सावधानी बरतें।


CREDIT :

संपूर्ण योग विद्या

राजीव जैन "त्रिलोक"

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