नहाने के टिप्स और फायदे (Benefits and Tips for having Bath) - Health : Ayurvedic Home Remedy in Hindi

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नहाने के टिप्स और फायदे (Benefits and Tips for having Bath)

 

नहाने के टिप्स और फायदे (Benefits and Tips for having Bath)
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सुबह-सुबह स्नान के क्षण अद्भुत रचनात्मकता के क्षण होते हैं। लेकिन आजकल के भागदौड़ भरे जीवन में स्नान मात्र एक औपचारिकता रह गया है। हम इस बात पर ध्यान ही नहीं देते कि स्नान से केवल हमारे शरीर का उचित व्यायाम होता है वरन् शरीर ऊर्जा स्फूर्ति से परिपूर्ण हो उठता है। स्नान (Bathing) के समय हमें कई बातों पर ध्यान देना चाहिए। ये बातें स्नान के आनंद एवं उपयोग को कई गुना बढ़ा सकती हैं। 

शीतल जल का शरीर से स्पर्श होने के साथ ही स्वतः हमारे मुंह से गीतों के बोल निकलने लगते हैं। आप लोकगीत पसंद करते हों, फिल्मी गीत या फिर शास्त्रीय संगीत, जी खोलकर गाइए। इससे हमारे शरीर में रक्त का सही प्रवाह, गले के विभिन्न भागों, कंठ नलिका, गरदन कंधों की मांसपेशियां तनाव मुक्त हो जाती हैं और उन्हें आराम मिलता है। यह फेफड़ों और मस्तिष्क के लिए भी उपयोगी है। गीत-संगीत में खो जाने पर हम कुछ समय के लिए समस्त चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं। हमें सिर्फ उसी बात का ध्यान रहता है जो वर्तमान में घट रही हैं। संगीत से हमें आत्मिक सुकून मिलता है और हम एक सुन्दर मधूर संसार में खो जाते हैं। 

नहाते समय गाना ही एकमात्र कार्य नहीं है। शरीर पर साबुन मलते समय हाथ धीरे-धीरे चलाएं। इस बात का खास ध्यान रखें कि आपका हाथ किस अंग पर साबुन मल रहा है और उस समय आपके शरीर के कौन से भाग नरम होते जा रहे हैं। यदि आप इस बात का रोजाना ध्यान रखेंगे तो यह जीवनभर आपके काम आएगा। नहाते समय धैर्य बरतना और साबन का धीरे-धीरे प्रयोग करना सीखना बहुत मुश्किल है। जब भी आपके हाथ इस तेजी में आएं अपना ध्यान इस प्रतिक्रिया की ओर केन्द्रित कर लें, ध्यान रखिए आमतौर पर स्नान के अतिरिक्त ऐसा कोई अन्य समय नहीं होता जब आपके शरीर के विभिन्न भाग एक-दूसरे के इतने निकट सम्पर्क में रहें। 

यदि आप साबुन मलते समय थोड़ी बहुत मालिश भी कर सकें तो अति उत्तम है। शरीर के जिन भागों तक आपका हाथ नहीं पहुंचता, वहां भी उसे पहंचाने का प्रयास करें। इससे आपके हाथों, गरदन आदि का बढ़िया व्यायाम होगा। 

सर्दियों में भी ठंडे पानी से ही नहाना चाहिए। ठंडे पानी से त्वचा के रोम कूप बंद हो जाते हैं और गर्मी उनके भीतर रह जाती है। अतः नहाने के बाद ठंड का अहसास नहीं होता। 

नहाने के बाद सीधे तौलिया उठाने के बजाय, हाथों, पांवों और सिर को अलग-अलग झटका देकर पानी निकाल दें। इसके बाद हाथों को ब्रश की तरह इस्तेमाल करें। अंत में तौलिए का इस्तेमाल करें। अपने शरीर को तौलिए से अच्छी तरह रगड़ें ताकि त्वचा के बंद छिद्र खुल जाएं। इससे बेजान त्वचा में निखार आएगा और रक्त संचार में वृद्धि होगी। इसका परिणाम यह होगा कि आप अपने को ताजादम ऊर्जावान महसूस करेंगे और थकान के अंतिम अवशेष भी विदा हो जाएंगे। याद रखिए 'स्वच्छ शरीर, स्वस्थ शरीर' इस नारे को भूलिए नहीं। 

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