ह्रदय से जुड़े मुख्य रोग और उनके प्रमुख लक्षण (Main heart diseases and their major symptoms) - Health : Ayurvedic Home Remedy in Hindi

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ह्रदय से जुड़े मुख्य रोग और उनके प्रमुख लक्षण (Main heart diseases and their major symptoms)

 

Main heart diseases and their major symptoms by healthcruz
Main heart diseases and their major symptoms by Healthcruz

आज कल की दुनिया में हर किसी को ह्रदय संबंधी बीमारियों की शिकायत है । यह बीमारियां हमारे खान-पान, उठने-बैठने और व्यायाम ना करने से होती है । हमारे ह्रदय में 8 प्रमुख बीमारियां होती है और उनके लक्षण भी असामान्य होते हैं । अगर आपको इन लक्षणों के बारे में पता हो तो बीमारी की पहचान में आसानी होती है । तो आइए जानते हैं उन बीमारियों के बारे में जो ह्रदय से संबंधित होती है -

कॉनरी हार्ट डिजीज (Connery Heart Disease) :

इस बीमारी में ह्रदय में खून की नालियों में चर्बी जमा हो जाती है, इसके कारण रोगी को चलते समय सांस लेने में समस्या उत्पन्न होती है और उसे ज्यादा पसीना आता है और छाती में असामान्य दर्द होता है ।

एरदमिया (Erademia) :

इसमें ह्रदय के संकुचन वाले संकेत घट जाते हैं । अचानक से रोगी की ह्रदय की धड़कन तेज हो जाती है और उसे बेहोशी या चक्कर की समस्या आने लगती है ।

हार्ट फेल होना (Heart Fail) :

हार्ड फेल होना आजकल की सामान्य शिकायत है । लेकिन यह बहुत ही खतरनाक और जानलेवा भी है । इसमें ह्रदय में खून कम मात्रा में पंप होता है, जिसके कारण पैरों में सूजन, पीठ के बल सोने से सांस लेने में कठिनाई, थकान और पेट में गैस की शिकायत रहती है ।

हार्ट वाल्व डिजीज (Heart Valves Disease) :

एक व्यक्ति के हृदय में 4 वाल्व होते हैं । इसमें संक्रमण से हृदय सिकुड़न में दिक्कत व लीकेज होने लगता है । यह हार्ट फेल होने जैसे ही लक्षण दिखते हैं ।

कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) :

इसमें ह्रदय की मसल्स कमजोर हो जाती है, जिससे खून कम पंप होता है । जिसके कारण थोड़ी दूर चलने पर भी रोगी को थकान महसूस होती है व चक्कर आने लगते हैं ।

पेरिकार्डिटिस (Pericarditis) :

ह्रदय के ऊपर एक पतली झिल्ली होती है, जो बहुत कठोर हो जाती है । जिससे ह्रदय में सिकुड़न व फैलाव नहीं हो पाता या कठिनाई होने लगती है । जिससे व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, उसे बैठे-बैठे भी सांस बढ़ने लगती है

एओटा डिजीज (Gestational Trophoblastic Disease) :

यह व्यक्ति के हृदय में एक महाधमनी है, जो सभी अंगों को खून पहुंचाने का काम करती है । यह कभी-कभी सामान्य स्थिति से ज्यादा फैलने लगती है और निश्चित सीमा से ज्यादा फैलने पर इसके फटने का खतरा रहता है । इसके फटने पर मरीज की जान भी जा सकती है ।

वैस्कुलर डिजीज (Vascular disease) :

हमारे ह्रदय में पतली झिल्ली और बहुत सारी नसें पाई जाती है । ह्रदय में पाई जाने वाली छोटी-छोटी नसे जिसमें सूजन आ जाती है व फुलकर चौड़ी हो जाती है । जिससे व्यक्ति की पल्स असामान्य हो जाती है । यह बच्चों में भी हो सकती है ।

किन चीजों से ह्रदय संबंधी बीमारियां होने की संभावना रहती है ? (What are the reasons of causing heart diseases?) :

  1. धूम्रपान करने से ।
  2. हाई ब्लड प्रेशर होने से ।
  3. व्यायाम ना करने से ।
  4. डायबिटीज के कारण ।
  5. मोटापे के कारण ।
  6. अन्य कारण ।
  7. ध्यान रखने योग्य जरूरी बातें -
  8. बीपी और शुगर को हमेशा नियंत्रित रखें, इन्हें ज्यादा बढ़ने ना दें
  9. हर व्यक्ति को अपना बीएमआई (BMI) पता होना चाहिए
  10. कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) की जांच समय-समय पर कराते रहें ।
  11. हमेशा व्यायाम करें ।
  12. एल्कोहल ना लें ।
  13. तनाव वाले काम ना करें , इससे धमनिया सिकुड़ती है ।
  14. अगर आपकी रेगुलर बैठने की जॉब है तो आप अपना विशेष ध्यान रखें, क्योंकि ह्रदय रोगी को इससे रिस्क बढ़ता है, हर थोड़ी देर में घूमते फिरते रहे ।
  15. खाना खाने के तुरंत बाद घूमे नहीं, इससे हृदय पर दबाव पड़ता है ।
  16. ज्यादा हैवी एक्सरसाइज ना करें, क्योंकि इससे ह्रदय रोगी को दिक्कत हो सकती है
  17. सर्दी के दिनों में सुबह जल्दी ठंडे मौसम में टहलने ना जाए ।
  18. सर्दी जुखाम से बचें और इसका जल्दी ही इलाज करें

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