Yoga for Kids : Healthcruz.com
चाहे बच्चों के शारीरिक विकास (Physical Development) की बात हो या मानसिक क्षमता (Mental Ability) को विकसित करने की बात, योग भी उनके जीवन के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना खेलकूद या अन्य गतिविधियाँ।
बच्चों के क्रमिक विकास के लिए योग को अनिवार्य कर देना चाहिए। बच्चे अपने शरीर में नियमित अभ्यास से लोचलचक (Flexibility) पैदा कर उच्च अभ्यास को भी आसानी से कर सकते हैं। प्रतिदिन योगाभ्यास करने से शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से कार्य करने लगते हैं।
लगभग 8 वर्ष से लेकर 16 वर्ष की उम्र तक बच्चों
का जीवन गीली मिट्टी की तरह होता है। जैसा बनाओ वैसे बन जाता है अतः बच्चों को अष्टांग योग में यम और नियम की भी शिक्षा देकर उनको संस्कारवान बनाकर उनके भविष्य में उज्ज्वलता लाई जा सकती हैं। स्मरण शक्ति बढ़ाने,
लंबाई बढ़ाने (Hight gain),
दृष्टि दोष (Hyper Myopia) दूर करने जैसे शारीरिक एवं
मानसिक आवश्यकताओं को पूरा करने का सबसे अच्छा माध्यम सम्पूर्ण योग शिक्षा ही है। इसलिए बच्चों को योग अपने जीवन में अवश्य अपनाना चाहिए।